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Banking News: इन दो सरकारी बैंकों ने ग्राहकों को दी खुशखबरी, ब्याज दरों में कटौती, जानिए कितना सस्ता हुआ लोन

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नई दिल्ली। Bank of Maharashtra, Indian Overseas Bank cut MCLR Rate. बैंक ऑफ महाराष्ट्र और इंडियान ओवरसीज बैंक ने ग्राहकों को बड़ी राहत दी है। इन दोनों सरकारी बैंकों ने ग्राहकों को राहत देते हुए ब्याज दरो में कटौती की है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र ( Bank of Maharashtra) ने ब्याज दरों में 10 बेसिक प्वाइंट की कटौती की है। बैंक द्वारा जारी की गई विज्ञप्ति के मुताबिक बैक ऑफ महाराष्ट्र ने सीमित टाइम पीरियड के ब्याज दरों में कटौती की है।



बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने ग्राहकों को दी राहत
बैंक ऑफ महाराष्ट्र( Bank of Maharashtra) ने लोन की नई ब्याज दरें जारी की है। बैंक ने सीमांत ब्याज दरों में कटौती की है। सरकारी बैंक बैंक ऑफ महाराष्ट्र की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक 1 साल और 6 महीने की MCLR ब्याज दरों में बदलाव किया गया है। बैंक ने 1 साल दरों को 7.40 फीसदी से घटाकर 7.30 फीसदी कर दिया है। वहीं 6 महीने वाले कर्ज के लिए MCLR दरों को घटाकर 7.25 फीसदी कर दिया है। बैंक ने नई ब्याज दरों को 7 सितंबर 2020 से प्रभावी कर दी है।



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इंडियन ओवरसीज बैंक के ग्राहकों के लिए खुशखबरी
इंडियन ओवरसीज बैंक( Indian Overseas Bank) ने कोरोना संकट के काल में जहां लोग सैलरी संकट से जूझ रहे हैं. वहां इंडियन ओवरसीज बैंक ने अपने ग्राहकों को राहत दी है। बैंक ने अपने सीमांत ब्याज दरों में कटौती की है। बैंक ने सभी अवधि के लिए लोन की ब्याज दरों में कटौती की है। बैंक ने सीमांत दरों( MCLR) दरों में 10 बेसिक प्वाइंट में कटौती की है। बैंक ने 1 साल के लोन के लिए MCLR की दर को 7.65 से घटाकर 7.55% कर दिया है। वहीं 6 महीने के लोन के लिए ब्याज दरों को घटाकर 7.55 फीसदी कर दिया है। जबकि तीन माह वाले ब्याज दरों को घटाकर 7.45 फीसदी कर दिया है। बैंक की नई ब्याज दरें 10 सितंबर से लागू होगी।



कम होगा ईएमआई का बोझ
इन दो सरकारी बैंकों के इस कदम से कर्ज का बोझ कम होगा। ब्याज दरें कम हो जाएगी। MCLR दरों में की गई कटौती से ब्याज दर घटेंगे और EMI कम हो जाएगा। एमसीएलआर दर की शुरुआत अप्रैल 2016 से ऋण के लिए लिए जाने वाले ब्याज दर की जहग किया जाने लगा है। MCLR दर की बात करें तो जब आप किसी बैंक से लोन लेते हैं तो बैंक ब्याज की जिस न्यूनतम दर पर आपको लोन देता है वो आधार दर कहलाता है। आधार दर से कम दर पर बैंक किसी को लोन नहीं दे सकता। इसी आधार दर की जगह पर अब बैंक MCLR का इस्तेमाल करते हैं।

 

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